प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करने के लिए ध्यान में रखने योग्य कुछ जरूरी बातें
गर्भधारण के कृत्रिम तरीके या उपचार वास्तव में कुछ महिलाओं को दूसरों की तुलना में तेजी से गर्भवती होने में मदद कर सकते हैं, लेकिन अगर आप गर्भधारण करने की सोच रही हैं तो आपको हमेशा यही कोशिश करनी चाहिए कि आप सामान्य तरीके से ही गर्भ धारण करें। आप, और अन्य महिलाएं जो सामान्य तरीके से बिना किसी सहायता के गर्भ धारण करती हैं, के बीच मूल रूप से यही अंतर होता है की वे अधिक समय तक गर्भ धारण का प्रयास करती हैं।
आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि माँ बनना किसी भी स्त्री के लिए सबसे बड़ा और सुखद अवसर है। ऐसे में आपको धैर्य से काम लेना चाहिए और जल्दबाज़ी में कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए जो बाद में आपके लिए परेशानी का कारण बन सके। स्वाभाविक रूप से गर्भवती होना किसी भी अन्य सकारात्मक अनुभव की तरह है - यह कुछ ऐसा है जिसमें समय और ऊर्जा लगती है और इसके लिए समर्पण की आवश्यकता होती है।
प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करने के लिए कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें:
स्वास्थ्य का विशेष ख़याल करें
गर्भावस्था में शरीर में अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। एक स्वस्थ गर्भावस्था में पहला कदम यह सुनिश्चित करना है कि गर्भधारण करने की कोशिश करने से पहले आप अच्छे स्वास्थ्य में हैं।
तनाव से बचें और प्रियजनों के साथ समय बिताएं
गर्भावस्था के दौरान केवल आपके शरीर में ही बदलाव नहीं होते बल्कि आप कई प्रकार के मानसिक बदलावों के दौर से भी गुज़रते हैं। गर्भावस्था में 'मूड स्विंग्स' बहुत आम हैं इसलिए यह जरूरी है कि आप ज़्यादा से ज़्यादा समय ऐसे लोगों के साथ बिताएं जो आपको समझते हों। यह आपमें सकारात्मक ऊर्जा करेगा और आपके गर्भ के लिए अच्छा है।
सही खान-पान है जरूरी
गर्भावस्था के दौरान सही खान-पान और व्यायाम जरूरी है। विशिष्ट विटामिन हैं जो गर्भवती महिलाओं को लेने की आवश्यकता होती है। इसलिए खान-पान का विशेष ख्याल करें और नियमित व्यायाम करें।
क्या खाएं
- -> प्रोटीन
- -> विटामिन और खनिज
- -> स्वस्थ प्रकार के वसा
- -> काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स
- -> फाइबर और तरल पदार्थ
क्या न खाएं
- -> प्रोसेस्ड जंक फूड्स
- -> बिना धोए फल और सब्जियां
- -> बिना पाश्चुरीकृत दूध, पनीर और फलों का रस
- -> कच्चे अंडे
- -> अधपकी या कच्ची मछली
- -> अधपका, कच्चा और प्रसंस्कृत मांस
- -> कैफीन
स्व-उपचार न करें
गर्भावस्था में शरीर में अनेक तरीके की छोटी छोटी समस्याएँ आ सकती हैं जैसे
- -> खुजली
- -> कब्ज
- -> पीठ दर्द
- -> मूत्र मार्ग में खुजली व सूजन
- -> थकान खास तौर पर सुबह के समय
- -> चक्कर
- -> सर दर्द
- -> अपच
- -> सीने में जलन
- -> और त्वचा सम्बन्धी समस्याएं
ये समस्याएं गर्भावस्था में आम हैं। ऐसी कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श करें और अपने आप उपचार बिलकुल न करें। कुछ जड़ी-बूटियाँ और भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से गर्भपात, मृत जन्म, समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, सेरेब्रल पाल्सी आदि का खतरा बढ़ जाता है। शराब पीने से जन्मजात अक्षमताओं जैसे चेहरे की असामान्य बनावट , हृदय की समस्याओं और बौद्धिक अक्षमताओं का खतरा बढ़ जाता है।
कृत्रिम प्रक्रियाओं में गर्भावस्था:
क्या आप लगातार प्रयास के बाद भी गर्भ धारण नहीं कर पा रही हैं? आज कल कृत्रिम गर्भाधान की अनेक विधियां जिनके नतीजे बहुत ही अच्छे हैं। अधिक से अधिक महिलाएं, जो प्राकृतिक तरीके से गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं हैं, गर्भवती होने के लिए कृत्रिम गर्भाधान और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों का उपयोग करती हैं। तकीनीकी सुधारों और कई प्रकार के शोधों की वजह से कृत्रिम गर्भाधान आज कल काफी कारगर हैं परन्तु कृत्रिम गर्भाधान (एआई) सहित सभी प्रकार के सहायक प्रजनन में जोखिम भी हो सकता है। आईवीएफ उपचार की सफलता दर कम उम्र की महिलाओं की तुलना में वृद्ध महिलाओं में कम है।
कृत्रिम रूप से गर्भवती होने में थोड़ा जोखिम तो है और इन प्रक्रियाओं में कुछ जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो महिलाएं इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या कृत्रिम गर्भाधान से गुजरती हैं, उन्हें निश्चित रूप से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज कल उन्नत चिकित्सा विधियों की बदौलत कृत्रिम गर्भाधान की सफलता दर में काफी सुधार आया है। फिर भी निम्नलिखित जोखिम हैं जो कृत्रिम गर्भाधान में हो सकते हैं –
- -> एक बार में एक से अधिक शिशुओं का जन्म
- -> समय से पहले प्रसव और जन्म के समय बच्चे का कम वजन
- -> गर्भपात
- -> अस्थानिक गर्भावस्था
- -> जन्म के समय से नवजात में शारीरिक या मानसिक दोष
- -> तनाव
इस लिए यह बहुत आवश्यक है कि कृत्रिम गर्भाधान के दौरान आप अपने डॉक्टर के संपर्क में निरंतर बने रहें। हर छोटी से छोटी समस्या के बारे में तुरंत परामर्श करें और चीजों को नज़रअंदाज़ न करें। और सबसे महत्वपूर्ण है कि सकारात्मक रहें।
हालांकि प्रेग्नेंट होने के लिए कई प्रोसेस होते हैं। कुछ सप्लीमेंट्स भी बाज़ार में उपलब्ध हैं जो आपको गर्भ धारण करने में मदद कर सकते हैं। andMe's ovaboost पौधों पर आधारित अवयवों से तैयार किया गया ऐसा ही एक पेय पदार्थ है। इसमें कई लाभकारी आयुर्वेदिक तत्व होते हैं जो आपके शरीर को गर्भावस्था के लिए सहायता करते हैं और आपके अंडे की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करते हैं। andMe के सभी उत्पाद प्राकृतिक तत्वों से निर्मित हैं और पूर्ण परीक्षण के बाद ही बाज़ार में आते हैं, और इसका आपके स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
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